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Diabetes

मधुमेह: आज भारत पूरे संसार की महुमेह की राजधानी बन गई है हिंदुस्तान में मधुमेह के रोगी की संख्या 20 करोड़ से ज्यादा पहुंच चुकी है मधुमेह रोग होने का कारण अग्नाशय का मंद पड़ जाना है जिससे आमाशय में भोजन का पाचन ठीक से नहीं हो पाता और अग्नाशय के मंद पड़ने से भोजन को पचाने के रस नही छोड़ने के कारण रक्त में शर्करा बढ़ी हुई रहती है , हमारा शरीर प्राकृतिक है (biotic) और हम अप्राकृतिक दवाइयां लेते है (antibiotic) जिससे रोग घटने की जगह बढ़ जाता है अगर प्राकृतिक भोजन का सेवन किया जाए तो बिना किसी दवाई के भी मधुमेह से छुटकारा मिल सकता है पंचगव्य चिकित्सा द्वारा हम रोगी के अग्नाशय को ठीक करके रोग की उसके मूल से ठीक करते है , पंचगव्य चिकित्सा का मूल आधार वाष्पीकृत गोमूत्र है इसी तरह शरीर के किसी भी अंग में होने वाली जटिल से जटिल बीमारियों का उपचार पंचगव्य चिकित्सा द्वारा संभव है शरीर अग्नि, वायु,आकाश,पृथ्वी,एवम जल इन पांच तत्वों से बना हुआ है उसमे वात,पित्त,एवम कफ इन तीनो के बिगड़ने से रोगों की उत्पत्ति होती है गोमूत्र में वात,पित्त,एवम कफ को सम करने की शक्ति है जिससे आज त्वचा रोग ,हृदय रोग,हड्डियों के रोग, सोरायसिस,किडनी के रोग,पैरालिसिस, टीबी, एचआईवी जैसे रोगों से छुटकारा मिल सकता हैं